हर महिला का शरीर और मासिक धर्म चक्र अलग होता है। सामान्य तौर पर पीरियड्स हर 28-30 दिन के बीच आते हैं और 3 से 7 दिन तक चलते हैं। लेकिन कई बार पीरियड्स का समय, मात्रा या अवधि बदल जाती है। अगर मासिक धर्म समय से पहले या बाद में आए, बहुत ज्यादा दिन तक चले, या खून का बहाव सामान्य से कहीं ज्यादा हो, तो इसे असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (Abnormal Uterine Bleeding - AUB) कहा जाता है।
यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर के अंदर चल रही कुछ समस्याओं
का संकेत हो सकता है। महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि यह समस्या क्यों होती
है और इसे कैसे पहचाना जाए। इस लेख में हम AUB के कारण,
लक्षण और घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आप इस
स्थिति को गंभीर बनने से पहले संभाल सकें।
AUB क्या है?
AUB का मतलब है मासिक धर्म के चक्र में कोई भी असामान्यता। इसका
अर्थ है कि मासिक धर्म का समय, मात्रा, या पैटर्न सामान्य न हो। यह समस्या किशोरावस्था से लेकर मेनोपॉज तक किसी
भी उम्र की महिलाओं में हो सकती है। कई बार यह शरीर के भीतर चल रही स्वास्थ्य
समस्याओं का संकेत होता है।
AUB के लक्षण
- हर 21 दिनों से कम या 35 दिनों से ज्यादा में पीरियड्स आना।
- 7 दिनों से ज्यादा रक्तस्राव होना।
- बहुत ज्यादा खून आना (पैड या टैम्पोन हर 1-2 घंटे में बदलना पड़ना)।
- दो पीरियड्स के बीच में खून आना।
- पीरियड्स के दौरान बड़े-बड़े रक्त के थक्के आना।
- कमजोरी, चक्कर आना और थकान महसूस होना।
अगर ये लक्षण लगातार बने रहें और घरेलू
उपायों से राहत न मिले तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
AUB के मुख्य कारण
AUB के कई कारण हो सकते हैं। आइए इन्हें विस्तार से जानते हैं:
1. हार्मोनल बदलाव
- किशोरावस्था या मेनोपॉज के समय हार्मोन का उतार-चढ़ाव होना सामान्य है।
- Estrogen और Progesterone का संतुलन बिगड़ने से मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। यह असंतुलन गर्भाशय की परत (endometrium) को प्रभावित करता है, जिससे रक्तस्राव की मात्रा और समय बदल सकते हैं।
2.
थायरॉइड या PCOS
- थायरॉइड ग्रंथि के सही से काम न करने पर पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
- Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) में अंडाशय (Ovaries) पर छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं, जिससे हार्मोन असंतुलित होते हैं और लंबे समय तक पीरियड्स न आना या बहुत ज्यादा आना जैसी समस्या हो सकती है।
3.
गर्भाशय में गाँठ (Fibroids) या पॉलिप्स (Polyps)
- यह छोटे-छोटे नॉन-कैंसरस ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय में बन सकते हैं। ये गर्भाशय की परत में दबाव डालते हैं जिससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
4. तनाव और खानपान
- मानसिक तनाव, नींद की कमी और पौष्टिक भोजन की कमी मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती है। कई बार शारीरिक कमजोरी और तनाव के कारण हार्मोन का स्तर बिगड़ता है।
5. गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं
- कभी-कभी प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में स्पॉटिंग या हल्का रक्तस्राव हो सकता है। यदि यह अधिक हो तो यह AUB का संकेत हो सकता है।
6. दवाओं का असर
- कुछ दवाएं (जैसे ब्लड थिनर, हार्मोनल दवाएं) मासिक धर्म के पैटर्न को प्रभावित कर सकती हैं।
7.
संक्रमण (Infection)
- गर्भाशय या सर्विक्स में संक्रमण (Pelvic Inflammatory Disease) होने से भी अनियमित रक्तस्राव हो सकता है।
AUB के घरेलू उपचार
अगर समस्या ज्यादा गंभीर न हो तो घरेलू उपायों से राहत पाई जा सकती है।
हालांकि, घरेलू उपचार करने से पहले यह समझना जरूरी है कि यदि रक्तस्राव बहुत अधिक
हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आइए जानते हैं कुछ आसान और प्रभावी उपाय:
1. अदरक की चाय
अदरक के औषधीय गुण मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होते हैं। यह गर्भाशय में ब्लड फ्लो को नियंत्रित करता है और दर्द को भी कम करता है। कैसे लें?
- कप पानी
में 1
चम्मच कद्दूकस की हुई अदरक डालें।
- 5 मिनट
उबालकर छान लें और हल्का गर्म पीएं।
- दिन में 2 बार
इसका सेवन करें।
2. दालचीनी का सेवन
दालचीनी शरीर को गर्म रखती है और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है। यह
गर्भाशय में सूजन को भी कम करती है। कैसे लें?
- 1 गिलास
गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर रोज पीएं।
- चाहें तो
दूध में डालकर भी ले सकती हैं।
3. तिल और गुड़
तिल और गुड़ का सेवन शरीर को ऊर्जा देता है और ब्लड फ्लो को नियंत्रित करता
है। तिल में मौजूद सेसमे ऑयल हार्मोन संतुलन बनाए रखता है। कैसे लें?
- 1 चम्मच
तिल को भूनकर गुड़ के साथ खाएं।
- ठंड के
मौसम में इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद है।
4. पपीता
कच्चा पपीता गर्भाशय की मांसपेशियों को टोन करता है और पीरियड्स को नियमित
करता है। इसमें मौजूद पपैन एंजाइम ब्लड फ्लो को संतुलित करता है। कैसे लें?
- 1 कटोरी
कच्चा पपीता रोज खाएं।
5. योग और प्राणायाम
- भुजंगासन (Cobra Pose) और अनुलोम-विलोम
प्राणायाम करने से हार्मोन बैलेंस होते हैं।
- रोजाना 20-30 मिनट योग करने से मानसिक तनाव कम होता है और रक्तस्राव नियंत्रित
रहता है।
6. मेथी के दाने
मेथी के बीज गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और ब्लड फ्लो को
नियंत्रित करते हैं। कैसे लें?
- 1 चम्मच
मेथी दाने को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं।
- चाहें तो
मेथी का पानी भी पी सकती हैं।
7. आयरन युक्त भोजन
अत्यधिक रक्तस्राव के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिससे
अनीमिया हो सकता है। क्या खाएं?
- पालक, चुकंदर,
अनार, गुड़, किशमिश
और हरी सब्जियां।
- विटामिन C युक्त
फलों (संतरा, नींबू) के साथ आयरन लें ताकि आयरन जल्दी
अवशोषित हो।
AUB में ध्यान देने योग्य बातें
- हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- ज्यादा भारी व्यायाम से बचें।
- तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन करें।
- ज्यादा ब्लीडिंग होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- मासिक धर्म कैलेंडर बनाकर चक्र का रिकॉर्ड रखें।
निष्कर्ष
असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (AUB) महिलाओं में एक आम समस्या है। अगर इसे
समय पर पहचाना और नियंत्रित किया जाए तो यह गंभीर समस्या नहीं बनती। घरेलू उपायों
और संतुलित जीवनशैली से इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर घरेलू उपायों से राहत न मिले या ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो तो डॉक्टर से
सलाह लेना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक भोजन अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। याद रखें, आपकी सेहत सबसे कीमती है – उसका ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है।